आर्य समाज और कांग्रेस के प्रसिद्ध नेता स्वामी श्रद्धानंद की नातिन (पोत्री) साम्यवादी सत्यवती देवी का जन्म 26 जनवरी, 1906 को पंजाब के जालंधर जिले में हुआ था। उनकी माँ वेद कुमारी समाजसेवी और गांधी जी की अनुयाई थीं। परिवार के इस वातावरण का सत्यवती पर प्रभाव पड़ा। 1922 में उनका विवाह हो गया और वे दिल्ली आ गईं। साम्यवादी सत्यवती ईश्वरकी सत्ता में विश्वास नहीं करती थीं। लोग उन्हें "तूफानी बहन" के नाम से पुकारते थे।
साम्यवादी महिला एवं स्वतंत्रता सेनानी थीं। उन्होंने किसान मजदूरों के हित में दिन-रात संघर्ष किया। उन्होने स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने के लिए दिल्ली की महिलाओं को उनके घरों से बाहर लाने के नेक काम के लिए लड़ाई लड़ी। सत्यदेवी देवी ने रूढ़िवाद और रूढ़िवाद के गढ़ को हिला दिया और महिलाओं को उनके घरों से बाहर निकाल दिया और पुरुषों को दिखाया कि महिलाओं को अब केवल सामान नहीं माना जा सकता है।
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