💰 ईज ऑफ डूइंग बिजनस रिपोर्ट 2018 💰
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ईज ऑफ डूइंग बिजनस रैंकिंग में भारत 23 पायदान की छलांग के साथ 77वें स्थान पर पहुंचा।
ईज ऑफ डूइंग बिजनस रैकिंग में भारत ने लगातार दूसरे साल लंबी छलांग लगाई है।
विश्व बैंक की ओर से जारी सूची में भारत ने 23 पायदान के सुधार के साथ 77वां स्थान हासिल किया है।
भारत पिछले साल 100वें स्थान पर रहा था।
पिछले दो सालों में भारत की रैकिंग में कुल 53 पायदान का सुधार आया है।
भारत ने इस साल छह अहम मानदंडों में सुधार किया है।
विश्व बैंक की पिछले साल की कारोबार सुगमता रैंकिंग में भारत 30 पायदान की छलांग के साथ 100वें स्थान पर पहुंच गया था।
यह एक वर्ष के अंतराल में भारत द्वारा लगाई गई सबसे बड़ी छलांग थी।
इसमें 190 देशों को रैंकिंग दी जाती है। नरेंद्र मोदी सरकार के 2014 में सत्ता में आने के समय भारत की रैंकिंग 142 थी।
पीएम ने आने वाले सालों में भारत को टॉप 50 देशों की खास लिस्ट में शामिल करने का लक्ष्य दिया है।
विश्व बैंक की यह रैंकिंग 10 मानदंडों मसलन कारोबार शुरू करना, निर्माण परमिट, बिजली कनेक्शन हासिल करना, कर्ज हासिल करना, टैक्स भुगतान, सीमापार कारोबार, अनुबंध लागू करना और दिवाला मामले का निपटान पर आधारित होती है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने रैकिंग की घोषणा के दौरान मीडिया से कहा कि जब केंद्र में मोदी सरकार बनी तो हम 142वें स्थान पर थे। पीएम ने टॉप 50 में पहुंचने का लक्ष्य रखा है।
वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट अक्टूबर में सालाना बैठक के तुरंत बाद आती है। इसमें पिछले साल 1 मई तक के आए रिफॉर्म्स को शामिल किया जाता है।
जब यह सरकार सत्ता में आई थी तो 2015 की रिपोर्ट अक्टूबर 2014 में आई थी। वह रिपोर्ट पुरानी सरकार के आधार पर था। 2014 में हम कहा थे और 4 साल में कहां पहुंचे।
5 साल में यदि हम 142 से 50 तक पहुंच जाएं, यह वर्ल्ड बैंक के इतिहास में कभी नहीं हुआ।
वाणिज्य और उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने इसे देश के लिए दिवाली का तोहफा बताया और कहा कि सरकार रैंकिंग में सुधार के लिए और प्रयास करेगी।
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