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Metal and nonmetal(धातु व अधातु)

Metal and nonmetal(धातु व अधातु)

*धातु को धन विद्युती तत्व कहते हैं | उदाहरण: सोना,चांदी,तांबा, सोडियम, पोटैशियम, पारा इत्यादि |
*अधातु को ऋण विद्युती तत्व भी कहते हैं | उदाहरण: गंधक,कार्बन, आक्सीजन, नाइट्रोजन, हाइड्रोजन, फास्फोरस इत्यादि |

*अयस्क मे मिले अशुद्ध पदार्थ को गैंग कहते है |
*लोहे मे जंग लगना रासायनिक परिवर्तन का उदाहरण है |
*जंग लगने से लोहे का भार बढ जाता है  | लोहे मे जंग लगने से बना पदार्थ फेरिसोफेरिक आक्साइड होता है |
*टंगस्टन तंतु के उपचयन को रोकने के लिए विजली  के बल्ब से हवा निकाल दी जाती है |

*प्लेटिनम सबसे कठोर धातु है |
*चांदी एवं तांबा विद्युत धारा का सर्वोत्तम चालक हैं |
*सोडियम पराक्साइड का उपयोग पनडुब्बी जहाजों तथा अस्पतालों आदि की बंद हवा को शुद्ध करने मे होता है |
*कैडमियम का प्रयोग नाभिकीय रिएक्टरों मे न्यूट्रान मंदक के रूप मे, संग्राहक बैट्रीयों मे तथा निम्न गलनांक की मिश्र धातु बनाने में होता है

*गैलियम धातु कमरे के ताप पर द्रव अवस्था मे होता है |
*नाइक्रोम; निकिल, क्रोमियम और आयरन का मिश्र धातु है |
*फ्लैश बल्बों में नाइट्रोजन गैस के वायु मण्डल मे मैग्निशियम का तार रखा होता है |
*पिटवा लोहा में कार्बन की मात्रा सबसे कम होती है, अत: यह अपेक्षाकृत शुद्ध होता है |
*मानव शरीर में तांबा की मात्रा मे वृद्धि होने विल्सन नामक रोग हो जाता है |

*सिल्वर आयोडाइड का उपयोग कृत्रिम वर्षा कराने मे होता है |
*सिल्वर नाइट्रेट का उपयोग निशान लगाने वाली स्याही बनाने मे होता है | मतदान के समय इसी से निशान लगाया जाता है |

*सिल्वर ब्रोमाइट का प्रयोग फोटोग्राफी मे होता है |
*प्लेटिनम को सफेद सोना कहा जाता है |
*ट्यूबलाइट मे समान्यत: पारा का वाष्प और आर्गन गैस भरी रहती है |

*विद्युत उपकरणों मे प्रयुक्त होने वाला फ्यूज तार लेड और टिन से बना मिश्र धातु होता है |
*प्लूटोनियम एक भारी रेडियोसक्रिय धातु है, इसका उपयोग परमाणु बम बनाने में होता है | हिरोशिमा एवं नागासाकी पर गिराये गए बम इसी के बने थे |

*अधातुएं सामान्यत: उष्मा का एवं विद्युत का कुचालक होती हैं,इसका अपवाद ग्रेफाइट है |

हीरा के प्रमुख गुण:

1.यह ताप एवं विद्युत का कुचालक होता है |
2.यह सबसे ठोस पदार्थ है, इस पर अम्ल एवं क्षार का प्रभाव नही पडता है |
3.इसका अपवर्तनांक 2.417 होता है, अत: यह पूर्ण आंतरिक परावर्तन के कारण बहुत अधिक चमकता है | इस पर रेडियम से निकलने वाली X किरणों के पडने पर यह हरा रंग प्रदर्शित करता है |

4.शुद्ध हीरा पारदर्शक एवं रंगहीन होता है |
5.कुछ हीरे काले होते हैं; जिन्हे बोर्ट कहते हैं, इसका प्रयोग शीशा काटने मे किया जाता है |

*ग्रेफ़ाइट के गुण :
1.यह विद्युत का सुचालक होता है |
2.इसे काला शीशा भी कहते हैं |
3.इसका उपयोग पेंसिल बनाने, परमाणु भट्ठी में इलेक्ट्रोड के रूप में एवं कार्बन पेपर बनाने मे किया जाता है |
*थर्मोप्लास्टिक : यह गर्म करने पर मुलायम तथा ठण्डा करने पर कठोर हो जाता है | यह गुण इसमे सदैव रहता है |उदाहरण: पालीथीन, नायलान, पालीवाइनिल क्लोराइड आदि |

*थर्मोसेटिंग प्लास्टिक : इसे पहली बार गर्म करने पर मुलायम हो जाता है; लेकिन पुन: गर्म करने पर मुलायम नहीं होता है |उदाहरण: बैकेलाइट तथा मेलामाइन |

*प्राकृतिक रबर आइसोप्रीन का बहुलक होता है | यह थर्मो प्लास्टिक होता है |
*रबर आसानी से कार्बन डाई आक्साइड मे घुल जाता है |
*प्राकृतिक रबर काफी मुलायम होता है, इसे कठोर बनाने के लिये इसमे कार्बन मिलाया जाता है |
*थाइकाल रबर को आक्सीजन मुक्त करने वाले रसायनों के साथ मिलाकर राकेट इंजनों मे ठोस ईंधन के रूप मे प्रयोग किया जाता है |
*नायलाँन : यह छोटे कार्बनिक अणुओं के बहुलीकरण द्वारा बनाया जाता है | यह पाली एमाइड रेशे का उदाहरण है | इसका उपयोग जाल बनाने, पैराशूट के कपडे, टायर, दांत का ब्रश,पर्वतारोहण के लिए रस्सी आदि बनाने में किया जाता है |
*रेयाँन : सेल्युलोज से बने कृत्रिम रेशों को रेयान कहते हैं |इसका उपयोग कपडा बनाने, कालीन बनाने में किया जाता है |
*पालिस्टर का उपयोग उपयोग कपडे के रूप मे, अग्नि शमन के हौज, पाइप आदि बनाने मे किया जाता है |
ईंधन :

*किसी भी ईंधन का उष्मीय मान अधिक होना चाहिए | ईंधन का उष्मीय मान उसकी कोटी का निर्धारण करता है
*सभी ईंधनों मे हाइड्रोजन का उष्मीय मान सबसे अधिक होता है, परंतु सुरक्षित भण्डारण की सुविधा नहीं होने के कारण इसका उपयोग नही किया जाता है |
*हाइड्रोजन का उपयोग राकेट ईंधन के रूप मे तथा उच्च ताप उत्पन्न करने वाले ज्वलकों मे किया जाता है |
*हाइड्रोजन को भविष्य का ईंधन कहा जाता है |
*किसी ईंधन की आक्टेन संख्या जितनी अधिक होती है,उसका अवस्फोटन उतना ही कम होता है तथा वह उतना ही उत्तम ईंधन माना जाताहै |

    *पीट कोयला : इसमे कार्बन की मात्रा 50% से 60% होती है| इसे जलाने पर अधिक राख एवं धुआं निकलता है | यह सबसे निम्न कोटि का कोयला होता है |
    *लिग्नाइट कोयला : इसमे कार्बन की मात्रा 65% से 70% तक होती है | इसका रंग भूरा होता है | इसमे जल वाष्प की मात्रा अधिक होती है |
    *बिटुमिनस कोयला : इसमे कार्बन की मात्रा 70% से 85% तक होती है | इसको मुलायम कोयला भी कहा जाता है  इसका उपयोग घरेलू कार्यों में किया जाता है |
    *एंथ्रासाइट कोयला : यह सबसे उच्च कोटी का कोयला होता है | इसमे कार्बन की मात्रा 85% से भी अधिक होती है

*प्राकृतिक गैस : यह पेट्रोलियम कुआं से निकलती है | इसमें 95% हाइड्रो कार्बन होता है, जिसमे 80% मेथेन रहता है |प्राकृतिक गैस का उपयोग रसोई गैस के रूप मे किया जाता है |घरों मे प्रयुक्त होने वाली प्राकृतिक गैस को एल.पी.जी.कहते हैं| यह ब्यूटेन एवं प्रोपेन का मिश्रण होता है, जिसे उच्च दाब पर द्रवित कर सिलिण्डरों मे भरा जाता है |

    *एल.पी.जी.अत्यधिक ज्वलनशील होती है, अत: इससे होने वाली दुर्घटना से बचने के लिये इसमें सल्फर के यौगिक (मिथाइल मरकाप्टेन) को मिला दिया जाता है ताकि इसके रिसाव को इसके गंध से पहचाना जा सके
    *गोबर गैस में मिथेन की मात्रा होती है |
    *प्रोड्यूसर गैस को लाल तप्त कोक पर वायु प्रवाहित करके बनायी जाती है | कांच एवं स्पात उद्योग में इसका उपयोग ईंधन के रूप मे किया जाता है |
    *जल गैस का उपयोग हाइड्रोजन एवं एल्कोहल के निर्माण में अपचायक के रूप में होता है |
    *कोल गैस को कोयले के भंजक आसवन से बनाया जाता है |यह वायु के साथ विस्फ़ोटक मिश्रण बनाती है |
    *एल्कोहल को जब पेट्रोल के साथ मिला दिया जाता है तो उसे पावर अल्कोहल कहते हैं, जो ऊर्जा का वैकल्पिक स्रोत है

तत्वों का वर्गीकरण

*मेंडलीफ का आवर्त नियम : तत्वों के भौतिक एवं रासायनिक गुण उनके परमाणु भारों के आवर्ती फलन होते हैं,यह मेंडलीफ का आवर्त नियम है | मेंडलीफ की आवर्त सारणी मे सात आवर्त तथा नौ समूह हैं | आवर्त सारणी के दूसरे और तीसरे लघु आवर्त में आठ-आठ तत्व होते हैं | इन्हे प्रारूपिक तत्व कहते हैं |

*मेंडलीफ के अनुसार यदि तत्वों को बढते हुए परमाणु भारों के क्रम में व्यवस्थित किया जाये तो निश्चित एवं समान अंतरालों के बाद लगभग समान गुण वाले तत्व पाये जाते हैं |

*मेंडलीफ के आवर्त सारणी के दोष :
1.तत्वों का क्रम बढते परमाणु भार के अनुसार न होना |
2.समस्थानिकों का स्थान |
3.हाइड्रोजन का द्वैध व्यवहार |
4.असमान तत्वों का एक ही वर्ग मे रखना |
5.अक्रिय गैसों को सारणी में कोई स्थान न होना |

*आधुनिक आवर्त सारणी :मेंडलीफ की आवर्त सारणी मे संशोधन कर मोजले ने आधुनिक आवर्त सारणी का निर्माण किया | आधुनिक आवर्त सारणी के अनुसार तत्वों के भौतिक एवं रासायनिक गुण उनके परमाणु क्रमांकों के आवर्ती फलक होते हैं | आधुनिक आवर्त सारणी में सात क्षैतिज पंक्ति तथा अट्ठारह ऊर्ध्वाधर कालम होते हैं |

*आधुनिक आवर्त सारणी मे अक्रिय गैसों जैसे हीलियम,निआन, आर्गन का एक नया वर्ग (शून्य वर्ग) जोडा गया |
*पहले आवर्त में केवल दो तत्व हैं, इस लिए इसे अति लघु आवर्त कहते हैं | इसमें सिर्फ हाइड्रोजन तथा हीलियम हैं
*आवर्त दो एवं तीन में आठ-आठ तत्व हैं, तथा इसे लघु आवर्त कहते हैं |
*चौथे एवं पांचवें आवर्त मे 18 -18 तत्व हैं, इसलिए इसे दीर्घ आवर्त कहते हैं |
*छठे एवं सातवें आवर्त में 32 – 32 तत्व हो सकते हैं |
*प्रत्येक दीर्घ आवर्त में प्रथम आठ तत्वों को सामान्य तत्व तथा शेष दस तत्वों को संक्रमण तत्व कहते हैं |
*तत्वों का आवर्त मे विद्युत धनात्मक गुण परमाणु क्रमांक की वृद्धि के साथ-साथ घटता है |
*हाइड्रोजन के अनुसार तत्वों की संयोजकता पहले वर्ग 1 से 4 तक बढती है और उसके उपरांत 4 से 1 तक घटती है
*किसी आवर्त मे बायें से दायें बढने पर तत्वों की तत्वों के आक्साइडों की क्षारीय प्रकृति घटती है |
*किसी समूह में ऊपर से नीचे की ओर बढने पर धात्विकता बढती जाती है |
*परमाणु क्रमांक 18 का तत्व वर्ग शून्य मे होगा |

मानव निर्मित पदार्थ :
*आर्गन का उपयोग मिश्र धातुओं की आर्क वेल्डिंग में निष्क्रिय वातावारण तैयार करने तथा विजली के बल्ब मे भरने मे किया जाता है |
*हीलियम हल्की तथा ज्वलनशील गैस है | इसका उपयोग गुब्बारों को भरने में तथा मौसम सम्बंधित अध्ययन मे किया जाता है |
*सीमेंट प्रमुख रूप से कैल्शियम सिलिकेटों और एल्युमिनियम सिलिकेटों का मिश्रण है | जल के साथ मिश्रित करने पर सीमेंट का जमना उसमे उपस्थित कैल्शियम सिलिकेटों एवं ऐल्युमिनियम सिलिकेटों के जल योजन के कारण होता है |
*साधारण कांच; सिलिका, सोडियम सिलिकेट और कैल्शियम सिलिकेट का ठोस विलयन (मिश्रण)होता है |
*कांच अक्रिस्टलीय ठोस के रूप मे एक अति शीतित द्रव है |इस लिए कांच की क्रिस्टलीय संरचना नहीं होती और नहीं इसका कोई निश्चित गलनांक होता है |
*कांच का कोई निश्चित रासायनिक सूत्र नहीं होता है; क्योंकि कांच मिश्रण है, यौगिक नहीं |
*रेशेदार कांच का प्रयोग बुलेट-प्रूफ जैकेट बनाने में किया जाता है |
*फोटोक्रोमैटिक कांच सिल्वर ब्रोमाइट की उपस्थिति के कारण धूप मे काला हो जाता है |
*डायनामाइट, ट्राइ नाइट्रो टाल्वीन (TNT), ट्राइ नाइट्रो फिनाल (TNP), ट्राइ नाइट्रो ग्लीसरीन (TNH),  R.D.X. एवं गन पाउडर कुछ प्रमुख विस्फोटक हैं |

*अमोनिया सल्फेट का प्रयोग चूना रहित भूमि में नहीं किया जाता है |
*यूरिया पहला कार्बनिक पदार्थ है जिसे प्रयोगशाला में बनाया गया |
*यूरिया तथा अमोनिया सल्फेट नाइट्रोजन ऊर्वरक के उदाहरण हैं |

*यूरिया में नाइट्रोजन 46% तथा अमोनिया सल्फेट में अमोनिया की मात्रा लगभग 25% होती है | अमोनिया सल्फेट मे नाइट्रोजन अमोनिया के रूप में होता है |
*यदि किसी द्रव मे घुलनशील पदार्थ मिलाया जाये तो द्रव का पृष्ठ तनाव बढ जाता है |
*यदि क्लोरोफार्म को सूर्य के प्रकाश मे; वायु मण्डल मे खुला छोड दिया जाये तो वह विषैली गैस फास्जीन में बदल जाती है |
*नाइट्रस आक्साइड को हंसाने वाली गैस कहते हैं | इसकी खोज प्रीस्टले ने की |

*क्लोरीन गैस फूलों का रंग उडा देती है |
*बर्तनों को कलई करने में अमोनियम क्लोराइड का प्रयोग किया जाता है |
*सिरके मे एसिटिक अम्ल होता है |
*ऐसिटिलीन का प्रयोग प्रकाश उत्पन्न करने में किया जाता है |
*रक्त का प्रवाह रोकने के लिए फेरिक क्लोराइड का प्रयोग किया जाता है |
*सौर सेलों मे सीजियम प्रयुक्त होता है |
*खाना बनाते समय सर्वाधिक मात्रा में विटामिन नष्ट होती है |
*यदि दूध से क्रीम अलग कर दिया जाये तो दूध का घनत्व बढ जाता है |
*अस्पतालों में कृत्रिम सांस के लिए प्रयुक्त सिलिण्डरों में आक्सीजन तथा हीलियम का मिश्रण होता है |
*सोडियम को मिट्टी के तेल में रखा जाता है |

*सफेद स्वर्ण प्लेटिनम को कहते हैं |
*सोना का घनत्व पारा के घनत्व से ज्यादा होता है, इसलिए सोना पारा मे डूब जाता है |
*एक किलोग्राम शहद मे 3500 कैलोरी ऊर्जा होती है |
*परमाणु के नाभिक मे प्रोटान एवं न्यूट्रान होते हैं |
*एक ही तत्व के दो परमाणु जिनकी परमाणु संख्या समान होती समस्थानिक (आइसोटोप) कहलाते हैं |
*एक ही तत्व के दो परमाणु जिनकी द्रव्यमान संख्या समान होती है समभारिक (आइसोबार) कहलाते हैं |
*एक मोल का मान 6.023X1023 होता है |
*शुष्क बर्फ ठोस कार्बन डाई आक्साईड को कहते हैं |
*गोबर गैस तथा बायो गैस का मुख्य घटक मिथेन (CH4) है |
*सभी गैसें -273’C पर शून्य आयतन घेरती हैं |
*लाफिंग गैस नाइट्रस आक्साइड (N2O) को कहते हैं |
*सामान्य ताप एवं दाब (NTP) पर किसी गैस के एक मोल का आयतन 22.4 लीटर होता है |

*वेल्डिंग मे आक्सीजन के साथ ऐसीटिलीन गैस प्रयुक्त होती है|
*सिगरेट लाइटर से ब्यूटेन गैस निकलती है |
*चूने के पानी को कार्बन डाइआक्साइड (CO2) सफेद बनाती है |
*ग्रीन हाउस प्रभाव के लिए कार्बन डाई आक्साइड तथा क्लोरो फ्लोरो कार्बन उत्तरदायी होती है |
*अश्रु गैस का रासायनिक नाम क्लोरो- एसिटोफिनोन है |
*स्टील या लोहे पर जिंक का लेप चढाने को गैल्वेनाइजेशन कहते हैं |
*दूध इमल्सन (पायस) का उदाहरण है |
*जल मे सबसे कम घुलनशील गैस नाइट्रोजन (N2) है |
*समुंद्री जल मे सर्वाधिक मात्रा मे सोडियम क्लोराइड (NaCl) पाया जाता है |
*सीसा संचालक बैट्री में सांद्र सल्फ्यूरिक अम्ल (H2SO4) का प्रयोग किया जाता है |
*नींबू के रस का PH मान 2.2 तथा दूध का PH मान 6.4 होता है |

*माचिस उद्योग में प्रयोग किया जाने वाला रसायन पोटैशियम क्लोरेट (KClO3) है |
*पीतल; तांबे तथा जस्ते का मिश्र धातु है |
*फ्यूज का तार तथा सोल्डर सीसा और टिन का बना होता है |
*सर्वाधिक आघत वर्ध्य धातु सोना है |
*कांसा; कांपर और टिन का मिश्रण होता है |
*मानव द्वारा निर्मित प्रथम संश्लेशित रेशा नायलान है |
*सबसे कठोर पदार्थ हीरा, एवं सबसे कठोर धातु प्लेटिनम है |
*टंगस्टन का गलनांक बिंदु 3000’C तथा हीरा का गलनांक बिंदु 3500’C होता है |

*वायुयान के टायरों तथा गुब्बारों मे हीलियम गैस भरी जाती है|
*पदार्थ की चौथी अवस्था प्लाज्मा होती है |
*हाइड्रोकार्बन के प्राकृतिक स्रोत कच्चा तेल हैं |
*कार्बन का शुद्धतम् रूप हीरा है |
*स्टेनलेस स्टील मिश्र धातु है लोहा, निकिल, तथा क्रोमियम का|
*सर्वाधिक विद्युत ऋणात्मक तत्व फ्लोरीन है |
*द्रव स्वर्ण पेट्रोलियम को कहते हैं |
*डायनामाइट बनाने में नाइट्रोग्लीसरीन का प्रयोग होता है |
*शुद्ध सेल्युलोज कागज से बनता है |
*आग बुझाने के लिए कार्बन डाई आक्साइड का प्रयोग किया जाता है |
*रोल्ड गोल्ड कांपर तथा एल्युमिनियम का मिश्रण है |
*गन पाउडर; सल्फर, चारकोल तथा शोरा का मिश्रण होता है |
*रेफ्रीजेरेटर मे अमोनिया गैस प्रयोग किया जाता है |
*रासायनिक यौगिक का सबसे छोटा कण परमाणु होता है |
*सबसे छोटा कण जिसमे तत्व का सभी गुण विद्यमान होता है उसे अणु कहते हैं |
*हड्डियों मे कैल्शियम एवं दांतों में फास्फोरस पाया जाता है |
*नाइक्रोम; क्रोमियम, निकिल तथा लोहा का मिश्र धातु है |

*तम्बाकू में विषैला पदार्थ निकोटिन होता है |
*लोहा को स्पात मे बदलने के लिए उसमे निकिल मिलाया जाता है  |
*फलों के रसों को सुरक्षित रखने के लिए फार्मिक अम्ल का प्रयोग किया जाता है |
*खाद्य पदार्थों की सुरक्षा के लिए बेंजोइक अम्ल का उपयोग किया जाता है |
*इलेक्ट्रान का आविष्कार जे.जे.थामसन ने किया |
*प्रोटान का आविष्कार गोल्ड स्टीन ने किया |
*न्यूट्रान का आविष्कार जेम्स चौडविक ने किया |
*नाभिक की खोज रदर फोर्ड ने की |
*जल का क्वथनांक 100’C या 212’F या 373 K होता है |
*लोहा का निष्कर्षण हेमेटाइट (अयस्क) से किया जाता है |
*लाल मिट्टी में फार्मिक अम्ल होता है |
*खट्टे फलों मे साइट्रिक अम्ल पाया जाता है |
*दूध मे लैटिक अम्ल पाया जाता है |
*फलों के रसों मे एसीटिक अम्ल पाया जाता है |
*इमली मे टारटेरिक अम्ल पाया जाता है |
*ओजोन गैस चांदी की चमक को काला कर देती है |
*सोने के आभूषण बनाते समय उसमें तांबा मिलाया जाता है |
*प्रोड्यूसर गैस या वायु अंगार गैस नाइट्रोजन एवं कार्बन मोनो आक्साइड गैस का मिश्रण होती है |
*इलेक्ट्रान त्यागने की क्रिया को आक्सीकरण तथा ग्रहण करने की क्रिया को अवकरण कहते हैं |
*लैंपो व ट्यूबों में नियान गैस भरी जाती है |

*विद्युत का सबसे अच्छा चालक चांदी है |
*शुद्ध सोना 24 कैरेट का होता है |
*कृत्रिम वर्षा के लिए सिल्वर आयोडाइड का प्रयोग किया जाता है |
*अम्ल वर्षा के लिए उत्तरदायी गैसें SO2  एवं NO2 हैं |
*लोहे मे जंग लगने के लिए आक्सीजन एवं नमी उत्तरदायी है |
*रबर को कठोर बनाने के लिए उसमें कार्बन या सल्फर मिलाते हैं
*फास्फोरस हवा मे जल उठता है इसी कारण इसे जल मे डूबाकर रखा जाता है |

*कृत्रिम सुगंध बनाने के लिए एथिल एसिटेट का प्रयोग किया जाता है |
*बर्तनों मे कलई करने के लिए अमोनियम क्लोराइड का प्रयोग किया जाता है |
*आदर्श गैस का समीकरण PV=nRT होता है |
*कपूर को उर्ध्वपातन विधि द्वारा शुद्ध किया जाता है |
*चश्मे का लेंस कुक्स कांच का बना होता है |
*सबसे हल्का तत्व हाइड्रोजन है |
*हवा का वाष्प घनत्व 14.4 होता है |
*फिटकरी एवं शोरा में नाइट्रिक अम्ल पाया जाता है |
*सोडा वाटर एवं अन्य पेय में कार्बोलिक अम्ल पाया जाता है |
*यूरिया का रासायनिक नाम कार्बामाइड (CO(NH2)2 है |
*सडी मछली जैसी गंध ओजोन गैस से आती है |

*प्रकृति मे सर्वदा मुक्त अवस्था में पाई जाने वाली धातु सोना है|
*पालीथीन एथिलीन के बहुलीकरण से प्राप्त होती है |
*गोताखोर सांस लेने के लिए आक्सीजन एवं हीलियम गैसों के मिश्रण का प्रयोग करते हैं |

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