*कुछ मनोवैज्ञानिक उनका परिचय व उनका योगदान*
*कोफ्का*—
जन्म 18 मार्च 1886 को जर्मनी में हुआ तथा निधन 22 नवम्बर 1941 को 55 वर्ष की आयु में हुआ था।
*कोहलर*—
जन्म 21 जनवरी 1887 को जर्मनी में हुआ तथा निधन 11 जून 1967 को हुआ।
*वर्दीमर* —
जन्म 15 अप्रेल 1880 को आस्ट्रिया में हुआ तथा निधन 12 अक्टूबर 1943 को हुआ।
सन् 1912 में मैक्स वर्दीमर, कोफ्का और कोहलर ने'सूझ या अन्तरदृष्टि का सिद्धान्त' या 'गेस्टाल्ट सिद्धान्त'का प्रतिपादन किया।
गेस्टाल्ट शब्द जर्मनी का है जिसका अर्थ है—समग्र आकृति।
इस सिद्धान्त के अन्तर्गत सुल्तान नामक वन मानुष पर प्रयोग किये गये।
गेस्टाल्टवाद का जन्मदाता मैक्स वर्दीमर को कहा जाता है
*क्लार्क हल*—
जन्म 24 मई 1884 को अमेरिका में हुआ तथा निधन 10 मई 1952 को हुआ।
हल ने प्रणाली बद्ध व्यवहार सिद्धान्त का प्रतिपादन किया जो कि थार्नडाइक के 'प्रभाव का नियम' और पावलॉव के 'शास्त्रीय अनुबंधनÓ का मिश्रण है।
उन्होंने (S-O-R) उद्दीपन-प्राणी-अनुक्रिया का सूत्र प्रस्तुत किया।
इस सिद्धान्त के अन्य नाम प्रबलन (पुनर्बलन) का सिद्धांत, सबलीकरण का सिद्धांत, चालक / अंतर्नोद,प्रणोद का सिद्धांत या संपोषक का सिद्धांत है।
*टरमन* —
जन्म 18 जनवरी 1877 को अमेरिका के इंडियाना में हुआ तथा निधन 21 दिसम्बर 1956 को हुआ।
बुद्धिलब्धि के सम्बन्ध में सबसे पहले टरमन ने विचार किया। उन्होंने बुद्धिलब्धि के सम्बन्ध में निम्नलिखित सूत्र दिया।

*रोर्शा* —
जन्म 8 नवम्बर 1884 को ज्यूरिख, स्वीट्जरलैण्ड में हुआ तथा निधन 1 अप्रेल 1922 को हुआ।
स्वीस मनोचिकित्सक 'हरमन रोर्शा' ने स्याही के धब्बों वाला परीक्षण (प्रक्षेपण विधि) का निर्माण 1921 (''Psychodiagnostik'' नामक पुस्तक लिखकर में) में किया।
परीक्षार्थी को दस स्याही के धब्बों पर प्रतिक्रिया करनी होती है।
रोर्शा परीक्षण का व्यक्तित्व मापन के लिए प्रयोग किया जाता है।
*मैसलो* —
जन्म 1 अप्रेल 1908 को अमेरिका में हुआ तथा निधन 8 जून 1970 को हुआ।
इसके अनुसार प्रेरक दो प्रकार के होते हैं—
जन्मजात प्रेरक (जैविक या शारीरिक प्रेरक)—भूख,प्यास, निद्रा, काम आदि। इन्हें प्राथमिक प्रेरक भी कहते हैं।
अर्जित प्रेरक—ये अर्जित किए जाते हैं। जैसे—व्यक्तिगत रुचि, आदत की विवशता, जीवन का लक्ष्य, सामूहिकता की भावना आदि।
*सिग्मेंड फ्रायड (मनोविश्लेषक)*—
जन्म 6 मई 1856 को आस्ट्रिया में हुआ तथा निधन 23 सितम्बर 1939 को हुआ।
मानव व्यक्तित्व मूल प्रेरणा काम है। लिबिडो शक्तियों का वह भण्डार है, जो सदैव सुखों की खोज करता है।
एक सामान्य व्यक्ति का व्यक्तित्व तीन कारक इड, इगो तथा सुपर इगो से बनता है।
*फ्रोबेल* —
जन्म 21 अप्रेल 1782 को जर्मनी में हुआ तथा निधन 21 जून 1852 को हुआ।
जर्मन शिक्षाशास्त्री फ्रोबेल 'किंडर गार्टन शिक्षा प्रणाली'को प्रारंभ करने वाले के रूप में जाने जाते हैं।
इन्होंने खेल द्वारा शिक्षा एवं स्व क्रिया द्वारा शिक्षा के सिद्धान्त पर बल दिया।
*बी. एफ. स्किनर*—
जन्म 20 मार्च 1904 को अमेरिका में हुआ तथा निधन 18 अगस्त 1990 को हुआ।
इन्होंने सक्रिय अनुबंधन का सिद्धांन्त दिया जिसे क्रिया-प्रसूत अनुबंधन भी कहते है।
इन्होंने ने अपने प्रयोग चूहे और कबूतर पर किये।
*रूसो* —
जन्म 28 जून 1712 को जेनेवा में हुआ तथा निधन 2 जुलाई 1778 को फ्रांस में हुआ।
शिक्षा में मनोवैज्ञानिक आन्दोलन का सूत्रपात करने का श्रेय रूसो को है।
उन्होंने अपनी पुस्तक एमिली में एक काल्पनिक बालक की शिक्षा का वर्णन किया है।
*कार्ल जुंग* —
जन्म 26 जुलाई 1875 को स्वीट्जरलैण्ड में हुआ तथा निधन 6 जून 1961 को हुआ।
जुंग ने व्यक्तित्व के दो प्रकार बताये हैं—
अन्तर्मुखी—व्यक्तित्व लक्षण, स्वभाव, आदतें बाह्य रूप से प्रकट नहीं होते हैं।
बहिर्मुखी—व्यक्तित्व लक्षण, स्वभाव बाह्य रूप से प्रकट होते हैं। जैसे—सामाजिक, राजनैतिक नेता आदि।
अन्तर्मुखी एवं बहिर्मुखी दोनों का मिश्रण उभयमुखी होता है।
*महात्मा गांधी* —
जन्म 02 अक्टूबर 1869 को गुजरात, भारत में हुआ तथा निधन 30 जनवरी 1948 को दिल्ली में हुआ।
बेसिक शिक्षा पर जोर (मातृभाषा के माध्यम से)
शिक्षा का अर्थ मैं बालक अथवा मनुष्य में आत्मा, शरीर और बुद्धि के सर्वांगीण और सबसे अच्छे विकास से समझता हूँ।
*वाटसन* —
जन्म 9 जनवरी 1878 को अमेरिका में हुआ तथा निधन 25 सितम्बर 1958 को हुआ।
वाटसन को व्यवहारवाद का जनक कहा जाता है।
'तुम मुझे कोई भी बालक दो और मैं उसे कुछ भी बना सकता हूँ।'
*थार्नडाइक* —
जन्म 31 अगस्त 1874 को अमेरिका में हुआ तथा निधन 9 अगस्त 1949 को हुआ।
थार्नडाइक को 'पशु मनोविज्ञान' का पितामह कहा जाता है।
थार्नडाइक ने भूखी बिल्ली पर प्रयोग कर सीखने के क्षेत्र में 'प्रयास एवं त्रुटि सिद्धान्त' को प्रतिपादित किया।
इन्होंने सीखने के तीन मुख्य नियम एवं पाँच गौण नियमों का प्रतिपादन किया।
*जीन पियाजे* —
जन्म 9 अगस्त 1896 को स्वीट्जरलैण्ड में हुआ तथा निधन 16 सितम्बर 1980 को हुआ।
पियाजे के संज्ञानात्मक विकास के सिद्धान्त के अनुसार सीखना उस समय अर्थपूर्ण होता है जबकि विद्यार्थी की रुचि और कौतूहल के अनुरूप होता है।
*मैक्डूगल* —
जन्म 22 जून 1871 को इंग्लैण्ड में हुआ तथा निधन 28 नवम्बर 1938 को अमेरिका में हुआ।
मनोविज्ञान जीवित वस्तुओं के व्यवहार का विधायक विज्ञान है।
इन्होंने मूल प्रवृत्ति एवं संवेगों के बारे में बताया।
*प्लेटो* —
जन्म 46 ईसा पूर्व हुआ।
प्लेटो की शिक्षा का मुख्य उद्देश्य सत्य का साक्षात्कार है।
शिक्षा प्रणाली में अनुकरण को विशेष महत्त्व दिया।
*पावलॉव* —
जन्म 26 सितम्बर 1849 को रूस में हुआ तथा निधन 27 फरवरी 1936 को हुआ।
रूसी शरीर शास्त्री पावलॉव ने कुत्ते पर प्रयोग कर'शास्त्रीय अनुबन्धन का सिद्धान्त' (Classical Conditioning Theory) प्रतिपादित किया।
*वुण्ट*—
जन्म 16 अगस्त 1832 को जर्मनी में हुआ तथा निधन 31 अगस्त 1920 को हुआ।
जर्मनी के मनोवैज्ञानिक वुण्ट ने लिपजिक में प्रथम मनोवैज्ञानिक प्रयोगशाला की स्थापना की।
मनोविज्ञान को 'चेतना के विज्ञान' के रूप में परिभाषित किया।
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